Skip to main content

साइबर सुरक्षा क्या है .!

साइबर सुरक्षा क्या है ।


साइबर सुरक्षा नेटवर्क, उपकरणों, कार्यक्रमों और डाटा को ऑनलाइन हमले या अनाधिकृत पहुंच से बचाने के लिए तैयार की गई तकनीकी है। साइबर सुरक्षा को प्रौद्योगिकी सुरक्षा भी कहा जा सकता है।




Cyber security
आज के इस तकनीकी की दुनिया में हर चीज का डिजिटलीकरण किया जा रहा है। ऐसे में जहां हर नागरिक आज इंटरनेट का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल कर रहा है।
वहां साइबर सुरक्षा एक चिंता का विषय बन जाता है। क्योंकि दुनिया के कई सारे लोग अपनी निजी जानकारी और अपने पैसे इंटरनेट के माध्यम से आदान प्रदान करते हैं। 
ऐसे में साइबर सुरक्षा एक चिंताजनक विषय बन जाता है। क्योंकि जिस रफ्तार से लोग डिजिटल टेक्नोलॉजी का सदुपयोग कर रहे हैं। उसी रफ्तार से टेक्नोलॉजी का दुरुपयोग भी किया जा रहा है। 
इसलिए आजकल हर व्यक्ति को साइबर सुरक्षा के बारे में जानकारी रखनी चाहिए। क्योंकि ज्यादातर मामलों में देखा जाता है। कि उचित जानकारी के अभाव में लोग साइबर ठगी के शिकार हो जाते हैं।
Sycure line

क्या है। साइबर सुरक्षा.......…?

साइबर सुरक्षा प्रणालियों नेटवर्क कार्यक्रमों, डिजिटल उपकरणों और पर्सनल डाटा को साइबर हमलों से बचाने के लिए तैयार की गई एक तकनीकी है। जिसका उद्देश्य साइबर हमले के जोखिम को कम करना और सिस्टर नेटवर्क को अनाधिकृत शोषण से बचाव करना है। 

क्यों जरूरी है। साइबर सुरक्षा.....

आज के समय में हर कार्य इंटरनेट के माध्यम से हो रहा है। चाहे वह सरकारी या निजी कंपनी का काम काज हो। या फिर मोबाइल इंटरनेट यूजर का निजी डाटा ।
 Users  के Device COMPUTER ,SERVER,LEPTOP , Phone दूसरी सभी प्रकार की SMART DEVICE भी इंटरनेट से Connect रहती है। जिससे डेटा की सुरक्षा पर भी खतरा बढ़ता जा  है। 
जहां प्रतिदिन इंटरनेट पर  fraud ,Heacking, और DATA LEAK की लगातार कोशिश की जा रही है। तो ऐसे में साइबरसिक्योरिटी द्वारा इन सभी गतिविधियों पर नजर रखी जाती है। और एक सुरक्षा कवच प्रदान किया जाता है। जिससे इंटरनेट पर होने वाले CYBER ATTACK को रोका जा सके।

साइबर सुरक्षा के प्रकार....!

साइबर सुरक्षा के कई प्रकार होते हैं। जिसके द्वारा एक नेटवर्क को अधिक से अधिक सुरक्षा प्रदान की जाती है।

1. Network & Getaways Security:-    इसे नेटवर्क की पहली परत कहा जाता है। जिसके द्वारा नेटवर्क के Incoming और Outgoing ट्रैफिक को कंट्रोल किया जाता है। और नेटवर्क में आने वाले Thread और Attacks को रोका जाता है । इसमें मुख्यता Firewall Device का प्रयोग होता है। 

2. Application Security:- इसमें नेटवर्क  में उपयोग की जाने वाली सभी एप्लीकेशन development और installation Phase को ध्यान में रखा जाता है। यदि किसी एप्लीकेशन को नेटवर्क में install किया जाता है।तो  उसे एक सुरक्षा प्रक्रिया से गुजारा जाता है। जिससे उसके इंस्टॉलेशन के लिए password अनिवार्य होता है। और  Limited यूजर्स Right लगाए जाते हैं। 




साइबर हमले के प्रकार......!

MALWARE:- मैलवेयर में सभी प्रकार के दुर्भावनापूर्ण सॉफ्टवेयर आते हैं। जैसे- SPYWARE ,RANSOMWARE,VIRUS, और WORMS 
किसी COMPUTER या NETWORKS मैं इस प्रकार के खतरे के आने का अधिकतर मुख्य स्रोत Links और Email Attachment होते हैं।
यदि कोई यूजेस सेंड किए गए लिंक पर क्लिक कर देता है तो software या script run हो जाता है। जिसके बाद यूजर्स का कंप्यूटर पर से कंट्रोल चला जाता है। और नेटवर्क से जुड़ी सभी services ब्लॉक हो जाती हैं। और स्पाइवेयर डाटा ट्रांसमिट करना शुरू कर देता है।

Phishing:- इसमें सम्मानित संस्था के नाम पर USERS को Email भेजी जाती है। और निजी जानकारी मांगी जाती है। जैसे डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड से जुड़ी जरुर जानकारी इत्यादि। और यह आजकल एक आम बात हो गई है।

साइबर सुरक्षा के फायदे.....

Cyber security के कुछ मुख्य फायदे इस प्रकार है।
 1. मैलवेयर से होने वाले नुकसान से बचा जा सकता है। जिसमें हर प्रकार के threats का खतरा रहता है। जैसे Spyware,RANSOMWARE,Virus और worms और भी बहुत से जिनसे डाटा और डिवाइस को खतरा रहता है।

2. डाटा को सुरक्षा प्रदान की जाती है। जिससे महत्वपूर्ण डांटा की चोरी या लीक होने का खतरा कम हो जाता है।

3. Networks को सुरक्षा प्रदान की जाती है। जिससे अनचाहे access को नेटवर्क में घुसने से रोका जा सकता है। 

4. बहरी सुरक्षा के साथ-साथ नेटवर्क यूजर्स पर भी restication  लगाई जा सकती है। जिससे अनचाही गतिविधियों पर लगाम लगाया जा सकता है।

भारत देश में साइबर सुरक्षा.......

अपने देश की बात की जाए। तो अपने देश में पूरी दुनिया की तुलना में 54% मैलवेयर और ransomware  की और लोग आकर्षित होते हैं।
इसकी तुलना में पूरी दुनिया में 47% malware लोगों को आकर्षित करता है। Yahoo जैसे सर्च नेटवर्किंग की रिपोर्ट के अनुसार सिर्फ भारत में  साल 2013 में 3 बिलियन खाते हैक कर लिए गए थे।

हमारे देश के सरकार ने राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा नीति 2013 के माध्यम से अपने देश की साइबर सुरक्षा के लिए बड़े बड़े कदम उठाए हैं। जिससे साल 2017 में साइबर सुरक्षा केंद्र शुरू किया गया। और कई सारे साइबर अपराध पुलिस स्टेशन की शुरुआत की।

निष्कर्षण....

हमें अपना निजी डेटा सुरक्षित रखने के लिए सिर्फ सरकार पर निर्भर नहीं रहना चाहिए। बल्कि हमें खुद साइबर सुरक्षा के बारे में सतर्क रहना चाहिए।
अपने कंप्यूटर मोबाइल या स्मार्ट डिवाइस में सुरक्षा सेटिंग को अपडेट करना चाहिए। अपने कंप्यूटर में एक अच्छे और उचित एंटीवायरस का उपयोग करना चाहिए। जिससे आपका कंप्यूटर और स्मार्ट device सभी प्रकार के वायरस और मैलवेयर से मुक्त रह सके।

जय हिंद, दोस्तों मैं उम्मीद करता हूं की आपको कुछ सीखने को अवश्य मिला होगा। आपके कुछ मिनट बेकार नहीं गए होंगे। अगर आपको यह अच्छा लगा हो।तो आप इसे अन्य सोशल साइट पर शेयर करें। और लोगों को जागरूक करें




Comments

Post a Comment

Popular posts from this blog

एंड्रॉयड स्मार्टफोन में ज्यादा RAM होने के बाद भी हैंग होने लगते है। और एप्पल में 2GB RAM में ही मोबाइल बहुत अच्छा चलता है। ऐसा क्यों होता हैं

यह प्रश्न आधुनिक स्मार्टफोन उपभोक्ताओं की सबसे आम जिज्ञासा को दर्शाता है। इस प्रश्न का उत्तर एप्पल और एंड्रॉइड के ऑपरेटिंग सिस्टम के आधार में ही छुपा है। कम तकनीकी ज्ञान वाले लोगों को भी इसका कारण समझ आ जाये इसलिए एक साधारण उदाहरण से समझाता हूँ। मान लीजिए आपके पास पानी की दो मोटरें हैं जिनकी ताकत एक जैसी है। आपने एक मोटर में एक पाइप लगाकर उसे चालू कर दिया, और दूसरी मोटर में कुछ जुगाड़ लगाकर 10 पाइप जोड़ दिए हैं। अब एक सामान्य से प्रश्न का उत्तर दीजिए कि कौनसी मोटर के पाइप में पानी की गति सबसे ज्यादा होगी..?? सीधा सा उत्तर है जिस मोटर में एक ही पाइप लगा है उसमें तेज़ पानी आएगा। इस बात को नीचे चित्र में समझने का प्रयास किया गया है।👇 बिल्कुल यही बात इस प्रश्न का उत्तर है। एंड्राइड मोबाइल में हर एप्लीकेशन डेटा ट्रांसफर के लिए खुदका एक कनेक्शन (पाइप) इस्तेमाल करती है। यानी एक समय मे कई एप्लीकेशन एक साथ ही बैकग्राउंड में चलती रहतीं हैं। इसके विपरीत एप्पल के ऑपरेटिंग सिस्टम में डेटा ट्रांसफर के लिए एक ही कनेक्शन का इस्तेमाल होता है। डेटा ट्रांसमिशन के समय एक के बाद एक तरीके से सारे ऍप बारी बारी

इलेक्ट्रिल टूथब्रश क्या हैं। जाने कैसे ये साधारण टूथब्रश को टक्कर देगा?

 इलेक्ट्रिल टूथब्रश क्या हैं। जाने कैसे ये साधारण टूथब्रश को टक्कर देगा? क्या आप जानते हैं । इलैक्ट्रिक टूथब्रश क्या है। क्या आप जानते हैं । Realme की एक नई पेशकश  "M1 Sonic Electric Toothbrush" को हाल में ही रिलीज़ किया जाने वाला है यूजर के लिए। यदि आपको यह पता नहीं कि आखिर यह इलेक्ट्रिक टूथब्रश क्या है। और क्या क्या है इसकी खूबियां। तब आज की यह Artical आपके लिए यह काफी जानकारी भरा होने वाला है। Realme का पहला इलेक्ट्रिक टूथब्रश अब आधिकारिक है। कंपनी ने Realme M1 सोनिक इलेक्ट्रिक टूथब्रश भारत में लॉन्च किया है। । जो  एक साधारण ब्रश के मुकाबले कई गुना खूबियों के साथ आपके स्वास्थ्य की देखभाल करेगा। ये electric toothbrush हाय फ्रीक्वेंसी, सोनिक मोटर, एंटी बैक्टिरियल ब्रिशल्स व चार अलग क्लीनिंग मोड़ के साथ आता है। इलेक्ट्रिक टूथब्रश क्या हैं? इलेक्ट्रिक टूथ ब्रश एक चार्जिंग टुथब्रश हैं। जिसे आप आसानी से यूज कर सकते हैं। या आपके दातों को आम टूथब्रश  के मुकाबले कई गुना अच्छे से सफाई करेगा। किसी प्रकार की दातों में बीमारी को फैलने से रोकने में यह सक्षम है। क्योंकि आज के दौर में स्व

BULK SMS FRAUD

BULK SMS FRAUD नमस्कार आपका फिर से हमारे हिंदी ब्लॉग DeepGyan  पर स्वागत है। आज के इस पोस्ट में हम बात करने वाले हैं। BULK SMS FRAUD के बारे में।आज के इस पोस्ट में हम समझेंगे। कि आखिर कैसे लोग बल्क एसएमएस फ्रॉड का शिकार हो जाते हैं। और उनके अकाउंट से पैसे निकाल लिए जाते हैं। सबसे पहले तो बहुत से लोगों के दिमाग में यह बात आ रही होगी। की आखिर यह है क्या? तो सबसे पहले हम समझेंगे।   BULK SMS   क्या है ? BULK SMS  BULK शब्द का हिंदी अर्थ होता है। थोक यानि कि ढेर, और SMS का मतलब तो आपको पता ही होगा। SHORT MASSAGE SERVICE इसे साधारण भाषा में कहें। तो जब हम किसी को अपने मोबाइल से Text Massage भेजते हैं। तो आमतौर पर उसे ही s.m.s. कहते हैं। अगर इसे किताबी भाषा में कहें। तो  एक ही मैसेज को थोक में  बहुत से लोगों को एक साथ भेजना ही BULK SMS कहलाता है। कैसे पहचाने कि कोन सा BULK SMS हैं ? सभी टेलीकॉम कंपनियां जैसे:- AIRTAL,JIO,IDEA, इत्यादि। अपने सभी ग्राहकों को अक्सर Balance, Recharge, या offer se संबंधित मैसेज भेजती है। उन मैसेज में  2 अंक तथा 6 अंक या Alphabet या Numerical यह दोनों को मिलाकर एक