वर्चुअल रियलिटी : एक ऐसी दुनिया जिसमे सब कुछ सच जैसा लगता है, पर है वह कम्प्यूटर द्वारा बनाई गयी एक कृत्रिम दुनिया।
इमेज क्रेडिट[1]
वर्चुअल रियलिटी को कई छेत्रों के इस्तेमाल किया जा सकता है:
- सेना की ट्रेनिंग में कृत्रिम युद्धछेत्र पैदा करके कम समय और लागत में उन्हें ज़्यादा सक्षम बनाया जा सकता है। क्योंकि ये बिल्कुल असली दुनिया जैसा प्रतीत होता है, इसे किसी बुरे अनुभव से होने वाले स्ट्रेस (पोस्ट ट्रॉमेटिक स्ट्रेस) से उबरने के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
- भवन निर्माण एवं वस्तु कला छेत्र में यह अभियंताओं को पूरे निर्माण का गहन अध्ययन करने और उसे पूरे तीन दिशाओं से अनुभव करने का मौका मिलता है। इसकी उपयोगिता यहाँ काम आती है कि दूर बैठे मुख्य अभियंता या निदेशक अपने निर्माण को और प्रभावी ढंग से बना सकते हैं।
- शिक्षा क्षेत्र में आपने कई बार विज्ञान के कुछ तथ्यों को समझना मुश्किल पाया होगा। या फिर इतिहास के कुछ दृश्य आपके सामने जीवंत हो जाएं तो। कितना आसान बना सकता है ये शिक्षा के प्रसार को और शिक्षा की गुणवत्ता को।
- डॉक्टरों के प्रशिक्षण में भी यह तकनीक बहुत असरकारक हो सकती है। एक समय था जब लोग अपना या अपने परिवार वालो का इलाज नए डॉक्टरों से नहीं कराना चाहते थे। अब डॉक्टरों को असल दुनिया के छद्मवेशी परिवेश (सिमुलेटेड एनवायरनमेंट) में जितनी चाहे उतनी बार प्रशिक्षण करने का मौका मिल सकता है।
- पर्यटन क्षेत्र का तो कहना ही क्या। सोचिये अगर आपको जिन जगहों पर आप जाना चाहते हो। उसे देखने का पहले ही मौक़ा मिल जाये तो। छद्मवेशी आवरण पैदा करके ऐसा किया जा सकता है। आप अपने पसंद के हिसाब से सुविधाओं और पर्यटन स्थलों का अनावरण कर सकते है। नतीजा, चुनाव में आसानी।
- गेमिंग और मनोरंजन को हम कैसे भूल सकते हैं। मनोरंजन करने वाली फिल्मों में हम खुद को भूल कर किरदारों के साथ उनकी ही दुनिया में खो जाते हैं। अब सोचिये ज़रा की आप कोई गेम खेल रहे हैं और सारी घटना आपके आस पास ही घट रही हो। ऐसी उत्तेजना शायद ही कोई और तकनीक पैदा कर पाए।
यूं तो इस सूची का कोई अंत नहीं।[2] देखा जाए तो इसकी अपार संभावनाएं आपको नज़र आएंगी। मुख्य छेत्रों में इस तकनीक का उल्लेख करके मैं यही इस लेख को खत्म करता हूँ। धन्यवाद।
Comments
Post a Comment